• OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan Quick View
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      OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan Quick View
    • OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan

    • 750.00
    • कुंडलिनी-यात्रा पर ले चलने वाली इस अभूतपूर्व पुस्तक के कुछ विषय बिंदु: *शरीर में छिपी अनंत ऊर्जाओं को जगाने का एक आह्वान *सात चक्रों व सात शरीरों के रहस्यों पर चर्चा *आधुनिक मनुष्य के लिए ध्यान की सक्रिय विधियों का जन्म *तंत्र के गुह्य आयामों से परिचय
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  • OSHO – Satya Ki Pyas Quick View
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      OSHO – Satya Ki Pyas Quick View
    • OSHO – Satya Ki Pyas

    • 315.00
    • सत्य का हमारे दृष्टि में मूल्य नहीं है इसलिए हम विश्वासी बने हुए हैं। सत्य का हमारी दृष्टि में मूल्य होगा, तो हम विश्वासी नहीं हो सकते, हम खोजी बनेंगे। हमारी प्यास होगी, हम जानना चाहेंगे। मैं आपसे निवेदन करूं, इस भांति की जो आस्तिकता है सीखी हुई, भगवान तक पहुंचने में इससे बड़ी और कोई बाधा नहीं है, और…
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  • OSHO – Vigyan, Dharm aur Kala Quick View
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    • 400.00
    • विज्ञान, धर्म और कला के अंतर-संबंध को समझाते हुए ओशो कहते है—"ये तीन बातें मैंने कही। विज्ञान प्रथम चरण है। वह तर्क का पहला कदम है। तर्क जब हार जाता है तो धर्म दूसरा चरण है, वह अनुभूति है। और जब अनुभूति सघन हो जाती है तो वर्षा शुरू हो जाती है, वह कला है। और इस कला की उपलब्धि…
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  • Osho Dhyan Yog (ओशो ध्यान योग)Osho Dhyan Yog (ओशो ध्यान योग) Quick View
  • Osho ka is jagat ko yogadanOsho ka is jagat ko yogadan Quick View
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      Osho ka is jagat ko yogadanOsho ka is jagat ko yogadan Quick View
    • Osho ka is jagat ko yogadan

    • 200.00
    • ओशो का योगदान इतना गहन और विस्तृत है कि उनके योगदान को किसी धर्म, देश, लिंग या उम्र में सीमित नहीं किया जा सकता। अपने साहित्य के रूप में जो उन्होंने पीछे रख छोड़ा है वह उन्हें सदा आगे रखता रहेगा। ओशो भविष्य के मनुष्य हैं, उन्होंने वह सब दे दिया है जिसकी आने वाले युगों में भी आवश्यकता रहेगी।…
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  • Osho Maha Sagar Ki PukarOsho Maha Sagar Ki Pukar Quick View
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    • Osho Maha Sagar Ki Pukar

    • 450.00
    • This is a very special volume of a Great Enlightened One because rather than responding to questions and sutras, Osho is simply sharing his enlightened consciousness as he recalls his rebellious and mischievous childhood through fascinating, entertaining and inspiring stories. This edition also includes many beautiful, rare, and intimate photos of the ordinary daily activities of an enlightened mystic. "My…
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  • Osho Par Lage Aarop Aur Unki SachchaaiOsho Par Lage Aarop Aur Unki Sachchaai Quick View
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    • 225.00
    • ओशो प्रेमियों एवं संन्यासियों को अलग रखकर बात करें तो अधिकतर लोगों की नजर में ओशो एक व्यक्ति का ही नाम है जो 80 के दशक में आध्यात्मिक गुरु के रूप में उभरा कम था बल्कि विवादों एवं आरोपों में घिरा अधिक था। दुर्भाग्य से ऐसा मानने व सोचने वालों की संख्या ज्यादा है। यह पुस्तक इसी बात को ध्यान…
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  • PAD GUNGHROO BANDH (ओशो द्वारा दिए गए बीस अमृत प्रवचनों का संकलन) 2 BOOKS SET, MAINE RAM RATAN DHAN PAYO & JHUK AYI BADARIYA SAWAN KI Quick View
  • Panth Prem ke Atapato Quick View
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    • Panth Prem ke Atapato

    • 400.00
    • जीवन दर्शन पर प्रवचन होश आत्मा का दीया है। वही ध्यान है, उसी को मैं मेडिटेशन कहता हूं। होश ध्यान है। निरंतर अपने जीवन के प्रति, सारे तथ्यों के प्रति जागे हुए होना ध्यान है। वही दीया है, वही ज्योति है। उसको जगा लें और फिर देखें, पाएंगे, अंधेरा क्रमशः विलीन होता चला जा रहा है। एक दिन आप पाएंगे,…
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  • PATH KI KHOJ Quick View
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    • PATH KI KHOJ

    • 400.00
    • "जो होशपूर्वक अपनी सारी क्रियाएं करेगा, इंद्रियों के सारे संबंधों में होश को जाग्रत रखेगा, निरंतर उसका स्मरण रखेगा जो भीतर बैठा है, उसका नहीं जो बाहर दिखाई पड़ रहा है, क्रमशः उसकी दृष्टि में परिवर्तन उत्पन्न होगा। रूप की जगह वह दिखाई पड़ेगा जो रूप को देखने वाला है। सारी क्रियाओं के बीच उसका अनुभव होगा जो कर्ता है।…
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  • Patnjali Yog Sutra – VOL.1 TO 5 PaperbackPatnjali Yog Sutra – VOL.1 TO 5 Paperback Quick View
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      Patnjali Yog Sutra – VOL.1 TO 5 PaperbackPatnjali Yog Sutra – VOL.1 TO 5 Paperback Quick View
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    • Patnjali Yog Sutra – VOL.1 TO 5 Paperback

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    • पतंजलि का योग-सूत्रा कोई दार्शनिक व्यवस्था नहीं है। यह अनुभवात्मक है। यह एक उपकरण है, जिससे कुछ किया जाना है। लेकिन फर भी इसमें एक दर्शन समाहित है। यह भी तुम्हें इस बात की बौद्धिक समझ देने के लिए कि तुम कहां जा रहे हो, क्या खोज रहे हो।
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  • Patnjali Yog Sutra 4 (पतंजलि योग सूत्र 4) Quick View
  • Patnjali Yog Sutra 5 (पतंजलि योग Vol. 5)Patnjali Yog Sutra 5 (पतंजलि योग Vol. 5) Quick View
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      Patnjali Yog Sutra 5 (पतंजलि योग Vol. 5)Patnjali Yog Sutra 5 (पतंजलि योग Vol. 5) Quick View
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    • Patnjali Yog Sutra 5 (पतंजलि योग Vol. 5)

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    • स्वभाव को लाओत्सु ताओ कहता है, पतंजलि कैवल्य कहते हैं, महावीर मोक्ष कहते हैं, बुद्ध निर्वाण कहते हैं। लेकिन तुम इसको चाहे कुछ भी नाम दो- इसका न कोई नाम है और न कोई रूप - यह तुम्हारे भीतर है वर्तमान, ठीक इसी क्षण में। तुमने सागर को खो दिया था क्योंकि तुम अपने स्व से बाहर आ गए थे।…
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