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- Hindi Books, mahaveer
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₹1,200.00 ₹870.00
- महावीर एक बहुत बड़ी संस्कृति के अंतिम व्यक्ति हैं, जिस संस्कृति का विस्तार कम से कम दस लाख वर्ष है। महावीर जैन विचार और परंपरा के चौबीसवें एवं अंतिम तीर्थंकर हैं- शिखर की, जहर की आखिरी ऊंचाई, और महावीर के बाद वह लहर और वह सभ्यता वह संस्कृति सब बिखर गई। आज उन सूत्रों को समझना इसीलिए कठिन है, क्योंकि…
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- dhayan / sadhana, Hindi Books
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₹350.00 ₹275.00
- "समाधि में साधक मरता है स्वयं, और चूंकि वह स्वयं मृत्यु में प्रवेश करता है, वह जान लेता है इस सत्य को कि मैं हूं अलग, शरीर है अलग। और एक बार यह पता चल जाए कि मैं हूं अलग, मृत्यु समाप्त हो गई। और एक बार यह पता चल जाए कि मैं हूं अलग, और जीवन का अनुभव शुरू…
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- Hindi Books, meera
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₹350.00 ₹280.00
- आओ प्रेम की एक झील में नौका-विहार करें। और ऐसी झील मनुष्य के इतिहास में दूसरी नहीं है, जैसी झील मीरा है। मानसरोवर भी उतना स्वच्छ नहीं। और हंसों की ही गति हो सकेगी मीरा की इस झील में। हंस बनो, तो ही उतर सकोगे इस झील में। हंस न बने तो न उतर पाओगे। हंस बनने का अर्थ हैः…
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- sant vani
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₹750.00 ₹570.00
- एक दुर्घटना हुई है। और वह दुर्घटना है: मनुष्य की चेतना बहिर्मुखी हो गई है। सदियों से धीरे-धीरे यह हुआ, शनैः-शनैः, क्रमशः-क्रमशः। मनुष्य की आंखें बस बाहर थिर हो गई हैं, भीतर मुड़ना भूल गई हैं। तो कभी अगर धन से ऊब भी जाता है--और ऊबेगा ही कभी; कभी पद से भी आदमी ऊब जाता है--ऊबना ही पड़ेगा, सब थोथा…
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Out of Stock
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- Hindi Books, sant vani
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₹300.00 ₹250.00
- मरौ वे जोगी मरौ, मरौ मरन है मीठा। तिस मरणी मरौ, जिस मरणी गोरष मरि दीठा।। गोरख कहते हैं: मैंने मर कर उसे देखा, तुम भी मर जाओ, तुम भी मिट जाओ। सीख लो मरने की यह कला। मिटोगे तो उसे पा सकोगे। जो मिटता है, वही पाता है। इससे कम में जिसने सौदा करना चाहा, वह सिर्फ अपने को…
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- Hindi Books, patra sankalan
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₹300.00 ₹240.00
- प्रेमी साधको को ओशो के प्रीती पत्र साधको की जिज्ञासा और समस्याओ के सम्बन्ध में ओशो द्वारा लिखे गए पत्रों का अपूर्व संकलन
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- Hindi Books, kahani sangrah
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₹175.00 ₹150.00
- कहानियां सत्य की दूर से आती प्रतिध्वनियां हैं: एक सूक्ष्म सा इशारा, एक नाजुक सा धागा। तुम्हें खोजते रहना होगा। तब कहानी धीरे अपने खजाने तुम्हारे लिए खोलने लगेगी। यदि तुम कहानी को वैसे ही लो जैसी वह दिखाई देती है, तुम उसके संपूर्ण अर्थ से ही चूक जाओगे। प्रत्यक्ष वास्तविक नहीं है। वास्तविक छिपा है. बड़े गहरे में छिपा…
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- sant vani
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₹600.00 ₹500.00
- चरणदास वाणी पर प्रवचन अब तक दुनिया में दो ही तरह के धर्म रहे हैं--ध्यान के और प्रेम के। और वे दोनों अलग-अलग रहे हैं। इसलिए उनमें बड़ा विवाद रहा। क्योंकि वे बड़े विपरीत हैं। उनकी भाषा ही उलटी है। ध्यान का मार्ग विजय का, संघर्ष का, संकल्प का। प्रेम का मार्ग हार का, पराजय का, समर्पण का। उनमें मेल…
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- dhayan / sadhana, Hindi Books
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₹750.00 ₹600.00
- ध्यान के लिए पहली बात तो है साहस। दूसरी बात, अपने से सावधान रहना। क्योंकि आप ही अपने को धोखा दे सकते हैं, कोई और नहीं। सच तो यह है कि इस जगत में दूसरे को धोखा देना संभव ही नहीं है। सिर्फ अपने को ही धोखा दिया जा सकता है। वी कैन डिसीव ओनली अवरसेल्व्स। कोई किसी दूसरे को…
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- Hindi Books, vividh
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₹440.00 ₹340.00
- जीवन में प्रेम का साक्षात्कार महत्वाकांक्षा जीवन को ज्वरग्रस्त करने का मार्ग है। फिर क्या और कोई रास्ता नहीं हो सकता? रास्ता है। वह रास्ता है प्रेम का, महत्वाकांक्षा का नहीं। संगीत से प्रेम सिखाएं, दूसरे संगीत सीखने वाले से प्रतिस्पर्धा नहीं। गणित से प्रेम सिखाएं, दूसरे गणित के विद्यार्थी से प्रतियोगिता नहीं। मैं संगीत ऐसे भी तो सीख सकता…
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