Sale!
Jyon Ki Tyon Dhar Deenhi Chadariya
₹500.00
इस पुस्तक में ओशो आत्म-जागरण के उन पांच वैज्ञानिक उपकरणों पर चर्चा करते हैं जिन्हें पंच-महाव्रत के नाम से जाना जाता है–अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, अकाम व अप्रमाद। ये पंच-महाव्रत जब ओशो की रसायन शाला में आते हैं तो ओशो अप्रमाद यानि होश, अवेयरनेश को बाकी चार से अलग कर लेते हैं और उसे विस्तीर्ण रूप से समझाते हुए एक मास्टर की हमें थमा देते हैं जिससे बाकी चार ताले सहज ही खुल जाते हैं। ओशो कहते हैं, ‘अप्रमाद साधना का सूत्र है। अप्रमाद साधना है।… अहिंसा–वह परिणाम है, हिंसा स्थिति है। अपरिग्रह–वह परिणाम है, परिग्रह स्थिति है। अचौर्य–वह परिणाम है, चोरी स्थिति है। अकाम–वह परिणाम है, कामवासना या कामना स्थिति है। इस स्थिति को परिणाम तक बदलने के बीच जो सूत्र है, वह है–अप्रमाद, अवेयरनेस, रिमेंबरिंग, स्मरण।’
2 in stock
Additional information
Weight | 6279549 g |
---|---|
Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
-
- Sale!
- Hindi Books, patra sankalan
Krantibeej
- ₹500.00
- Add to cart
-
- Sale!
- zen
The Miracle
- ₹2,050.00
- Add to cart
-
- Out of StockSale!
- English Books, zen masters
Ma Tzu The Empty Mirror
- ₹660.00
- Read more
-
Reviews
There are no reviews yet.