Jeevan Kranti Ke Sutra
₹300.00
2 in stock
Description
जीवन क्या है? वीणा स्वयं संगीत नहीं है, वीणा से संगीत पैदा हो सकता है। जन्म स्वयं जीवन नहीं है, जन्म से जीवन पैदा हो सकता है। और कोई चाहे तो जन्म की वीणा को कंधे पर रखे हुए मृत्यु के दरवाजे तक पहुंच जाए, उसे जीवन नहीं मिल जाएगा। जन्म तो मिलता है मां-बाप से, जीवन कमाना पड़ता है स्वयं। जन्म मिलता है दूसरों से, जीवन पाना पड़ता है खुद। जन्म मिलता है, जीवन खोजना पड़ता है। जीवन की खोज एक कला है। ओशो ‘आदमी के साथ क्या किया जाए कि जीवन के फूलों को खिलाने का रहस्य उसे फिर से स्पष्ट हो सके?’… एक शाश्वत जिज्ञासा चाहिए, एक न मरने वाली खोज चाहिए। एक ऐसी आकांक्षा चाहिए, जो वहां न ठहरने दे, जहां हम ठहर गए हैं–अज्ञात की तरफ उठाती रहे, अनंत की तरफ बुलाती रहे। दूर, जो नहीं दिखाई पड़ता है, वह भी आकर्षण बना रहे। जो नहीं पाया गया है, जो हाथ से बहुत दूर हैं, वे उत्तुंग शिखर भी आत्मा को निमंत्रण देते रहें और हमारे पैर उनकी तरफ बढ़ते रहें, ऐसी एक खोज जीवन में चाहिए। जिसके जीवन में खोज नहीं है, वह एक मरा हुआ डबरा है, जो सड़ेगा, नष्ट होगा, लेकिन सागर तक नहीं पहुंच सकता। सागर तक तो केवल वे सरिताएं ही पहुंचती हैं, जो रोज अनजान रास्तों से खोजती ही खोजती अनजान अपरिचित सागर को तलाशती ही तलाशती चली जाती हैं। एक दिन वे वहां पहुंच जाती हैं, जहां पहुंचने पर सागर मिल जाता है। जहां पहुंचने पर वह मिल जाता है, जिसके मिल जाने के बाद और कुछ मिल जाने की कामना नहीं रह जाती है। जीवन एक सरिता की भांति जिज्ञासा की खोज होनी चाहिए।…
Additional information
Weight | 6279549 g |
---|---|
Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
-
- Sale!
- English Books, upnishad
Message Beyond Words
- ₹1,800.00
- Add to cart
-
- Out of StockSale!
- English Books, kabir
The Guest: Talks on Kabir
- ₹300.00
- Read more
-
-
- Sale!
- dhayan / sadhana, Hindi Books
Satya Ki Khoj
- ₹350.00
- Add to cart
-
- Sale!
- prasonatar
Ram Nam Janyo Nahi
- ₹150.00
- Add to cart
Reviews
There are no reviews yet.