• Aankhon Dekhi Sanch Quick View
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      Aankhon Dekhi Sanch Quick View
    • Aankhon Dekhi Sanch

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    • एक ज्ञान बाहर है, एक प्रकाश बाहर है। अगर आपको गणित सीखनी है, केमिस्ट्री सीखनी है, फिजिक्स सीखनी है, इंजीनियरिंग सीखनी है, तो आप किसी स्कूल में भरती होंगे, किताब पढ़ेंगे, परीक्षाएं होंगी और सीख लेंगे। यह लर्निंग है; नॉलेज नहीं। यह सीखना है; ज्ञान नहीं। विज्ञान सीखा जाता है, विज्ञान का कोई ज्ञान नहीं होता। लेकिन धर्म सीखा नहीं…
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    • Amrit Dwar

    • 450.00
    • "‘सदगुरु के शब्द तो वे ही हैं जो समाज के शब्द हैं। और कहना है उसे कुछ, जिसका समाज को कोई पता नहीं। भाषा तो उसकी वही है, जो सदियों-सदियों से चली आई है—जराजीर्ण, धूल-धूसरित। लेकिन कहना है उसे कुछ ऐसा नित-नूतन, जैसे सुबह की अभी ताजी-ताजी ओस, कि सुबह की सूरज की पहली-पहली किरण! पुराने शब्द बासे, सड़े-गले, सदियों-सदियों…
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    • 375.00
    • निरीक्षण, ऑब्जर्वेशन चाहिए। क्या हो रहा है, उसे देखने के लिए पूरी सजगता होनी चाहिए। पूरे होश, पूरी अटेंशन से जो देखता है...। विज्ञान में ही निरीक्षण जरूरी है, ऐसा नहीं; धर्म में तो और भी ज्यादा जरूरी है। क्योंकि विज्ञान तो पदार्थों की खोज करता है, धर्म तो आत्मा की। विज्ञान में निरीक्षण जरूरी है, लेकिन धर्म में तो…
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  • Gahre Pani Paith Quick View
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    • 300.00
    • "तीर्थ है, मंदिर है, उनका सारा का सारा विज्ञान है। और उस पूरे विज्ञान की अपनी सूत्रबद्ध प्रक्रिया है।… एक भी कदम बीच में खो जाए, एक भी सूत्र बीच में खो जाए, तो परिणाम नहीं होता। जिन गुप्त तीर्थों की मैं बात कर रहा हूं उनके द्वार हैं, उन तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं, लेकिन उन सबके आंतरिक सूत्र…
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      JEEWAN REHESYA Quick View
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    • 450.00
    • इस पुस्तक का पहला प्रश्न ‘लोभ’ से शुरू होता है जिसके उत्तर में ओशो कहते हैं कि साधना के मार्ग पर ‘लोभ’ जैसे शब्द का प्रवेश ही वर्जित है क्योंकि यहीं पर बुनियादी भूल होने का डर है। फिर तनाव की परिभाषा करते हुए ओशो कहते हैं—"सब तनाव गहरे में कहीं पहुंचने का तनाव है और जिस वक्त आपने कहा,…
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  • Jiwan ki khoj Quick View
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    • 260.00
    • प्यास जीवन क्या है? उस जीवन के प्रति प्यास तभी पैदा हो सकती है, जब हमें यह स्पष्ट बोध हो जाए, हमारी चेतना इस बात को ग्रहण कर ले कि जिसे हम जीवन जान रहे हैं, वह जीवन नहीं है। जीवन को जीवन मान कर कोई व्यक्ति वास्तविक जीवन की तरफ कैसे जाएगा? जीवन जब मृत्यु की भांति दिखाई पड़ता…
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  • Jyotish Vigyan Quick View
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      Jyotish Vigyan Quick View
    • Jyotish Vigyan

    • 250.00
    • ज्योतिष के तीन हिस्से हैं। एक, जिसे हम कहें अनिवार्य, एसेंशियल, जिसमें रत्ती भर फर्क नहीं होता। वही सर्वाधिक कठिन है उसे जानना। फिर उसके बाहर की परिधि है: नॉन-एसेंशियल, जिसमें सब परिवर्तन हो सकते हैं। मगर हम उसी को जानने को उत्सुक होते हैं। और उन दोनों के बीच में एक परिधि है--सेमी-एसेंशियल, अर्द्ध अनिवार्य, जिसमें जानने से परिवर्तन…
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