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- Hindi Books, prasonatar
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₹900.00 ₹750.00
- "मैं तो इतना ही चाहता हूं तुमसे कि तुम सारे पक्षपातों से मुक्त हो जाना। मेरी बातों को भी मत पकड़ना, क्योंकि मेरी बातें पकड़ोगे, तो वे पक्षपात बन जाएंगी। बातें ही मत पकड़ना। तुम्हें निर्विचार होना है। तुम्हें मौन होना है। तुम्हें शून्य होना है। तभी तुम्हारे भीतर ध्यान का फूल खिलेगा। और ध्यान का फूल खिल जाए तो…
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- prasonatar
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₹175.00 ₹140.00
- इस पुस्तक में ओशो के सात अमृत प्रवचनों का संकलन है। ये प्रवचन पढ़कर कुछ ऐसा लगता है कि जैसे किसी पुराने युग की जानी-पहचानी सी वाणी आज नए युग की भाषा में बोल रही हो|
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- prasonatar
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₹450.00 ₹400.00
- जीवन दर्शन पर प्रवचन होश आत्मा का दीया है। वही ध्यान है, उसी को मैं मेडिटेशन कहता हूं। होश ध्यान है। निरंतर अपने जीवन के प्रति, सारे तथ्यों के प्रति जागे हुए होना ध्यान है। वही दीया है, वही ज्योति है। उसको जगा लें और फिर देखें, पाएंगे, अंधेरा क्रमशः विलीन होता चला जा रहा है। एक दिन आप पाएंगे,…
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