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Jin Sutra (Part-1)
- ₹500.00
- महावीर गुरु नहीं हैं। महावीर कल्याणमित्र हैं। वे कहते हैं, मैं कुछ कहता हूं, उसे समझ लो; मेरे सहारे लेने की जरूरत नहीं है। मेरी शरण आने से तुम मुक्त न हो जाओगे। मेरी शरण आने से तो नया बंधन निर्मित होगा, क्योंकि दो बने रहेंगे। भक्त और भगवान बना रहेगा। शिष्य और गुरु बना रहेगा। नहीं, दो को तो…
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JIN SUTRA VOL. 1 TO 4 (COMPLETE SET)
- ₹2,700.00
- महावीर के व्यक्तित्व की विशेषताओं में एक विशेषता यह भी है कि उन्हें जो सत्य की अनुभूति हुई है, उसकी अभिव्यक्ति को जीवन के समस्त तलों पर प्रकट करने की कोशिश की है। मनुष्य तक कुछ बात कहनी हो, कठिन तो बहुत है, लेकिन फिर भी बहुत कठिन नहीं है। लेकिन महावीर ने एक चेष्टा की जो अनूठी है और…
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Jin Sutra Vol. 2
- ₹480.00
- महावीर के व्यक्तित्व की विशेषताओं में एक विशेषता यह भी है कि उन्हें जो सत्य की अनुभूति हुई है, उसकी अभिव्यक्ति को जीवन के समस्त तलों पर प्रकट करने की कोशिश की है। मनुष्य तक कुछ बात कहनी हो, कठिन तो बहुत है, लेकिन फिर भी बहुत कठिन नहीं है। लेकिन महावीर ने एक चेष्टा की जो अनूठी है और…
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Jin Sutra Vol. 3
- ₹480.00
- महावीर पहले मनुष्य हैं, जिन्होंने पृथ्वी पर धर्म को युवा के साथ जोड़ा और कहा, यौवन और धर्म का गहन मेल है। क्योंकि ऊर्जा चाहिए यात्रा के लिए, संघर्ष के लिए, तपश्चर्या के लिए, संयम के लिए, विवेक के लिए, बोध के लिए--ऊर्जा चाहिए। ऊर्जा के अश्व पर ही सवार होकर तो हम पहुंच सकेंगे। इसलिए कल पर मत टालना।
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Jin Sutra Vol. 4
- ₹480.00
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Jyon Ki Tyon Dhar Deenhi Chadariya
- ₹640.00
- इस पुस्तक में ओशो आत्म-जागरण के उन पांच वैज्ञानिक उपकरणों पर चर्चा करते हैं जिन्हें पंच-महाव्रत के नाम से जाना जाता है--अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, अकाम व अप्रमाद। ये पंच-महाव्रत जब ओशो की रसायन शाला में आते हैं तो ओशो अप्रमाद यानि होश, अवेयरनेश को बाकी चार से अलग कर लेते हैं और उसे विस्तीर्ण रूप से समझाते हुए एक मास्टर…
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Jyun Ki Tyun Dhari Deenhi Chadariya (ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया)
- ₹250.00
- अप्रमाद साधना का सूत्र है। अप्रमाद साधना है। अहिंसा-वहह परिणाम है. हिंसा स्थिति है। अपरिग्रह-वहह परिणाम है, परिग्रह स्थिति है। अचौर्य-वहह परिणाम है, चौर्य, चोरी स्थिति है। अकाम--वह परिणाम है, काम, वासना, कामना स्थिति है। इस स्थिति को परिणाम तक बदलने के बीच जो सूत्र है, वह है--अप्रमाद, अवेयरनेस, रिमेंबरिंग, स्मरण। प्रत्येक क्रिया स्मरणपूर्वक हो और प्रत्येक क्रिया होशपूर्वक हो।…
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Mahaveer Vani: Volume1 and 2 Complete set (Hindi)
- ₹870.00
- महावीर एक बहुत बड़ी संस्कृति के अंतिम व्यक्ति हैं, जिस संस्कृति का विस्तार कम से कम दस लाख वर्ष है। महावीर जैन विचार और परंपरा के चौबीसवें एवं अंतिम तीर्थंकर हैं- शिखर की, जहर की आखिरी ऊंचाई, और महावीर के बाद वह लहर और वह सभ्यता वह संस्कृति सब बिखर गई। आज उन सूत्रों को समझना इसीलिए कठिन है, क्योंकि…
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Suli Uper Sej Piya Ki
- ₹110.00
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