Suno Bhai Sadho (सुनो भई साधो)
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Description
कबीर अनूठे हैं और प्रत्येक के लिए उनके द्वारा आशा का द्वार खुलता है। क्योंकि कबीर से ज्यादा साधारण आदमी खोजना कठिन है। और अगर कबीर पहुंच सकते हैं, तो सभी पहुंच सकते हैं। कबीर निपट गंवार हैं, इसलिए गंवार के लिए भी आशा है, बे-पढ़े-लिखे हैं, इसलिए पढ़े-लिखे होने से सत्य का कोई भी संबंध नहीं है। जाति-पांति का कुछ ठिकाना नहीं कबीर की-शायद मुसलमान के घर पैदा हुए, हिंदू के घर बड़े हुए। इसलिए जाति-पांति से परमात्मा का कुछ लेना-देना नहीं है। कबीर जीवन भीर गृहस्थ रहे-जुलाहे-बुनते रहे कपड़े और बेचते रहे, घर छोड़ हिमालय नहीं गए। इसलिए घर पर भी परमात्मा आ सकता है, हिमालय जाना आवश्यक नहीं। कबीर ने कुछ भी न छोड़ा और सभी कुछ पा लिया। इसलिए छोड़ना पाने की शर्त नहीं हो सकती। और कबीर के जीवन में काई भी विशिष्टता नहीं है। इसलिए विशिष्टता अहंकार का आभूषण होगी, आत्मा का सौंदर्य नहीं। कबीर न धनी हैं, न ज्ञानी हैं, न समादृत हैं, न शिक्षित हैं, न सुसंस्कृत हैं। कबीर जैसा व्यक्ति अगर परमज्ञान को उपलब्ध हो गया, तो तुम्हें भी निराश होने की कोई भी जरूरत नहीं। इसलिए कबीर में बड़ी आशा है।-ओशोपुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदुःमुमुक्षा का क्या अर्थ है?हृदय में विवेक का क्या अर्थ होता है।प्रेम के कितने रूपधर्म और संप्रदाय में भेदमृत्यु के रहस्य
Additional information
Weight | 6279549 g |
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Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
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