Sale!

Sahaj Yog, Vol. – 2 (सहज योग, भाग – 2)

325.00

सरहपा और तिलोपा क्रियाकांड और अनुष्ठान को धर्म नहीं कहते। तुम पूछते होः कृपया बताएं कि उनके अनुसार धर्म क्या है?’
वैसा चैतन्य, जिसमें न कोई क्रियाकांड है, न कोई अनुष्ठान है, न कोई विचार है, न कोई धारणा है, न कोई सिद्धांत है, न कोई शास्त्र है। वैसा दर्पण, जिसमें कोई प्रतिछवि नहीं बन रही–न स्त्री की, न पुरुष की, न वृक्षों की, न पशुओं की, न पक्षियों की। कोरा दर्पण, कोरा कागज, कोरा चित्त…वह कोरापन धर्म है। उस कोरेपन का नाम ध्यान है। उस कोरेपन की परम अनुभूति समाधि है। और जिसने उसकोरेपन कोजाना उसने परमात्मा को जान लिया।

1 in stock

SKU: OD327 Category:

Additional information

Weight 6279549 g
Dimensions 6279940 × 627992749 × 627968449 cm