Sale!

Jyun Ki Tyun Dhari Deenhi Chadariya (ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया)

250.00

अप्रमाद साधना का सूत्र है। अप्रमाद साधना है। अहिंसा-वहह परिणाम है. हिंसा स्थिति है। अपरिग्रह-वहह परिणाम है, परिग्रह स्थिति है। अचौर्य-वहह परिणाम है, चौर्य, चोरी स्थिति है। अकाम–वह परिणाम है, काम, वासना, कामना स्थिति है। इस स्थिति को परिणाम तक बदलने के बीच जो सूत्र है, वह है–अप्रमाद, अवेयरनेस, रिमेंबरिंग, स्मरण। प्रत्येक क्रिया स्मरणपूर्वक हो और प्रत्येक क्रिया होशपूर्वक हो। और एक भी क्रिया ऐसी न हो जो कि बी में हो रही हो। तो बस, आपकी धर्मयात्रा शुरू हो जाती है।ओशो पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:अहिंसा अपरिग्रह अचौर्य अकाम अप्रमाद ब्रह्मचर्य सावधिक संन्यासः नये संन्यास की धारण तंत्रः काम-ऊर्जा के रूपांतरण का विज्ञान.

1 in stock

SKU: OD63 Categories: ,

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jyun Ki Tyun Dhari Deenhi Chadariya (ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *