Astavakra mahageeta vol. 1 to 9 (PAPERBACK)
₹1,950.00
अष्टावक्र की गीता को मैंनें यू ही नहीं चुना है। और जल्दी नहीं चुना है; बहुत देर करके चुना है- -सोच-विचार के। दिन थे जब मैं कुष्ण की गीता पर बोला, क्योंकि भीड़-भाड़ मेरे पास थी। भीड़-भाड़ के लिए अष्टावक्र गीता का कोई अर्थ न था। बड़ी चेष्टा करके भीड़-भाड़ से छुटकारा पाया है। अब तो थोड़े-से विवेकानंद यहां हैं। अब तो उनसे बात करनी है, जिनकी बड़ी संभावना है। उन थोड़े-से लोगों के साथ मेहनत करनी है, जिनके साथ मेहनत का परिणाम हो सकता है। अब हीरे तराशने हैं, कंकड़-पत्थरों पर यह छैनी खराब नहीं करनी। इसलिए चुनी है अष्टावक्र की गीता। तुम तैयार हुए हो, इसलिए चुनी है। ओशो द्वारा अष्टावक्र-संहिता के 298 सूत्रों पर प्रश्नोत्तर सहित दिए गए प्रवचनों का संकलन है …तुम मुझे जब सुनो तो ऐसे सुनो जैसे कोई किसी गायक को सुनता है। तुम मुझे ऐसे सुनो जैसे कोई किसी कवि को सुनता है। तुम मुझे ऐसे सुनो कि जैसे कोई कभी पक्षियों के गीतों को सुनता है, या पानी की मरमर को सुनता है, या वर्षा में गरजते मेघों को सुनता है। तुम मुझे ऐसे सुनो कि तुम उसमें अपना हिसाब मत रखो। तुम आनंद के लिए सुनो। तुम रस में डूबो। तुम यहां दुकानदार की तरह मत आओ। तुम यहां बैठे-बैठे भीतर गणित मत बिठाओ कि क्या इसमें से चुन लें और क्या करें, क्या न करें। तुम मुझे सिर्फ आनंद-भाव से सुनो।
Out of stock
-
- Sale!
- vividh
SUNYA KE PAAR
- ₹400.00
- Add to cart
-
- Sale!
- prasonatar
Panth Prem ke Atapato
- ₹400.00
- Add to cart
-
- Sale!
- vividh
Jeevan Kranti Ke Sutra
- ₹300.00
- Add to cart
-
- Sale!
- Hindi Books, sant vani
Ek Omkar Satnam
- ₹699.00
- Add to cart
Reviews
There are no reviews yet.