Ashtavakra Mahageeta Bhag-III Jo Hai So Hai (अष्टावक्र महागीता भाग- 3 जो है सो है)
₹225.00
“यह जनक और अष्टावक्र के बीच जो चर्चा है, यह अद्भुत संवाद है। अष्टावक्र ने कुछ बहुमूल्य बातें कहीं। जनक उन्हीं बातों की प्रतिध्वनि करते हैं। जनक कहते हैं कि ठीक कहा, बिलकुल ठीक कहा; ऐसा ही मैं अनुभव कर रहा हूं; मैं अपने अनुभव की अभिव्यक्ति देता हूं। इसमें कुछ प्रश्नोत्तर नहीं है। एक ही बात को गुरु और शिष्य दोनों कह रहे हैं। एक ही बात को अपने-अपने ढंग से दोनों ने गुनगुनाया है। दोनों के बीच एक गहरा संवाद है। यह संवाद है, यह विवाद नहीं है। कृष्ण और अर्जुन के बीच विवाद है। अर्जुन को संदेह है। वह नई-नई शंकाएं उठाता है। चाहे प्रगट रूप से कहता भी न हो कि तुम गलत कह रहे हो, लेकिन अप्रगट रूप से कहे चला जाता है कि अभी मेरा संशय नहीं मिटा। वह एक ही बात है। वह कहने का सज्जनोचित ढंग है कि अभी मेरा संशय नहीं मिटा, अभी मेरी शंका जिंदा है; तुमने जो कहा वह जंचा नहीं।”
Out of stock
Additional information
Weight | 6279549 g |
---|---|
Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
-
- Out of StockSale!
- Hindi Books, patra sankalan
Patheya
- ₹90.00
- Read more
-
-
- Out of StockSale!
- English Books, tao masters
The Secret of Secrets: Talks on the Secret of the Golden Flower
- ₹2,250.00
- Read more
-
-
- Out of StockSale!
- ashtavakra, Hindi Books
Astavakra mahageeta vol. 1 to 9 (PAPERBACK)
- ₹1,950.00
- Read more
-
Reviews
There are no reviews yet.