ओशो की ध्यान पर 10 सब से अच्छी पुस्तके(osho best seller collection of ten books on meditation)
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Description
ध्यान के लिए पहली बात तो है साहस। दूसरी बात, अपने से सावधान रहना। क्योंकि आप ही अपने को धोखा दे सकते हैं, कोई और नहीं। सच तो यह है कि इस जगत में दूसरे को धोखा देना संभव ही नहीं है। सिर्फ अपने को ही धोखा दिया जा सकता है। वी कैन डिसीव ओनली अवरसेल्व्स। कोई किसी दूसरे को धोखा दे ही नहीं सकता। दूसरे को धोखा देकर अगर आप कुछ पा भी लेंगे, तो वह दो कौड़ी का है, मौत उसे छीन लेगी। लेकिन अपने को धोखा देकर हम ऐसा कुछ खो सकते हैं कि जन्म–जन्म भटक जाएं और उसे पाना मुश्किल हो जाए। और हम सब अपने को धोखा देते हैं। तो दूसरी बात आपसे कहता हूं, अपने को धोखा देने से सावधान
निरीक्षण, ऑब्जर्वेशन चाहिए। क्या हो रहा है, उसे देखने के लिए पूरी सजगता होनी चाहिए। पूरे होश, पूरी अटेंशन से जो देखता है…। विज्ञान में ही निरीक्षण जरूरी है, ऐसा नहीं; धर्म में तो और भी ज्यादा जरूरी है। क्योंकि विज्ञान तो पदार्थों की खोज करता है, धर्म तो आत्मा की। विज्ञान में निरीक्षण जरूरी है, लेकिन धर्म में तो निरीक्षण और भी अनिवार्य है। विज्ञान बाहर के पदार्थों का निरीक्षण करता है, धर्म स्वयं के भीतर जो चित्त है उसका। चित्त का निरीक्षण करें। जागें, और जागें, और जागें और देखें चित्त को। देखते–देखते यह क्रांति घटित होती है और चित्त परिवर्तित हो जाता है।
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