KAHE HOT ADHEER(PALTU VANI)
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ओशो द्वारा पलटू-वाणी पर दिए गए उन्नीस प्रवचनों का यह संकलन एक अप्रतिम कृति है। संत पलटू के भक्तिसिक्त वचनों पर ओशो की अमृत देशना के साथ ही साथ इस संकलन में एक अविस्मरणीय घटना की चित्र-कथा भी उपलब्ध है। ओशो के संबुद्ध पिताश्री स्वामी देवतीर्थ भारती (दद्दाजी) के महापरिनिर्वाण की दुर्लभ चित्र-कथा आर्ट पेपर पर 32 रंगीन पृष्ठों में अंकित है। इस संबंध में प्रश्नों के उत्तर देते हुए ओशो ने दद्दाजी के आत्मीय पारिवारिक संबंध, अपने ही पुत्र से संन्यास लेने, ध्यान के प्रति उनके अथक श्रम, अंतत: संबोधि की उपलब्धि एवं महापरिनिर्वाण की अघट घटना पर प्रकाश डाला है।एक संबुद्ध पुत्र द्वारा अपने पिता को क्रमश: संबोधि एवं महापरिनिर्वाण तक सहायक होने का यह अभूतपूर्व दस्तावेज, हर साधक के लिए एक अमूल्य धरोहर है। पुस्तक के कुछ मुख्य विषय बिंदु: क्रांति की आधारशिलाएं प्रेम एकमात्र नाव है प्रेम तुम्हारा धर्म है क्या ध्यान और सृजन साथ-साथ संभव नहीं है? झुकने की कला क्या है? जीवन इतना उलटा-उलटा क्यों मालूम होता है?
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Additional information
Weight | 6279549 g |
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Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
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