ANANT KI PUKAR
₹450.00
2 in stock
Description
संगठन कभी बहुत व्यापक नहीं हो सकता, मित्रों का समूह बहुत व्यापक हो सकता है। क्योंकि उसमें विभिन्नता के लिए स्वीकृति है, उसमें जोर-जबर्दस्ती नहीं है बांधने की किसी को। उसमें सबके लिए मुक्ति है, कोई बंधा हुआ नहीं है। और जहां भी ऐसा मालूम होने लगता है कि हम बंधे हैं, वहीं श्रेष्ठ आदमी को कठिनाई शुरू हो जाती है। कोई श्रेष्ठ चेतना बंधना नहीं चाहती है। छोटे लोग ही सिर्फ बंधना चाहते हैं। जिनके भीतर एकदम क्षुद्र ही क्षुद्र है वे ही बंधने में रस लेते हैं, नहीं तो कोई बंधना नहीं चाहता। ओशो ओशो के अमृत-संदेश का स्वाद जिसने भी लिया है, उसके हृदय में एक अभीप्सा जरूर उठती है—इस आनंद को बांटने की, इस आनंद में अपने मित्रों, परिजनों, परिचितों को भी साझीदार, भागीदार करने की। इस अभीप्सा के साथ ही न जाने कितने लोग अपने-अपने अनूठे ढंग से ओशो के कार्य के प्रचार-प्रसार में संलग्न रहे हैं। इस संबंध में अपनी अंतर्दृष्टि देते हुए ओशो कहते हैं : ‘आदमी का जीवन एक स्वर्ग की शांति का और संगीत का जीवन बन सकता है। और जब से मुझे ऐसा लगना शुरू हुआ, तो ऐसा प्रतीत हुआ कि जो बात मनुष्य के जीवन को शांति की दिशा में ले जा सकती है, अगर उसे हम उन लोगों तक नहीं पहुंचा देते जिन्हें उसकी जरूरत है, तो हम एक तरह के अपराधी हैं, हम भी जाने-अनजाने कोई पाप कर रहे हैं। मुझे लगने लगा कि अधिकतम लोगों तक, कोई बात उनके जीवन को बदल सकती हो, तो उसे पहुंचा देना जरूरी है।’ पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: कार्य और ध्यान संगठन और धर्म कार्यकर्ता की भूमिका जीवन एक सामूहिक उपक्रम है ध्यान-केंद्र की भूमिका
Additional information
Weight | 6279549 g |
---|---|
Dimensions | 6279940 × 627992749 × 627968449 cm |
-
- Out of StockSale!
- English Books, upnishad
Vedanta – Seven Steps to Samadhi: Discourses on Akshyu Panishad
- ₹2,130.00
- Read more
-
-
- Sale!
- Hindi Books, kabir
Kahai Kabir Diwana
- ₹280.00
- Add to cart
-
- Sale!
- vividh
KARUNA AUR KRANTI
- ₹400.00
- Add to cart
-
- Out of StockSale!
- English Books, responses to questions
Sermons in Stone
- ₹1,250.00
- Read more
-
-
- Out of StockSale!
- Uncategorized
Ma Tzu: The Empty Mirror
- ₹1,650.00
- Read more
-
Reviews
There are no reviews yet.