• DARIYA KAHAI SABAD NIRVANA (dariya das bihar wale ) Quick View
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      DARIYA KAHAI SABAD NIRVANA (dariya das bihar wale ) Quick View
    • DARIYA KAHAI SABAD NIRVANA (dariya das bihar wale )

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    • दरिया के शब्द सुनो, जिंदगी की थोड़ी तलाश करो--‘दरिया कहै सब्द निरबाना।’ ये प्यारे सूत्र हैं, इनमें बड़ा माधुर्य है, बड़ी मदिरा है। मगर पीओगे तो ही मस्ती छाएगी। इन्हें ऐसे ही मत सुन लेना जैसे और सब बातें सुन लेते हो; इन्हें बहुत भाव-विभोर होकर सुनना। आंखें गीली हों तुम्हारी--और आंखें ही नहीं, हृदय भी गीला हो। उसी गीलेपन…
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  • Ek Omkar Satnam Quick View
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      Ek Omkar Satnam Quick View
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    • Ek Omkar Satnam

    • 699.00
    • पुस्तक के बारे मेंEk Omkar Satnam - एक ओंकार सतनाम नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही…
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  • KAHE HOT ADHEER(PALTU VANI) Quick View
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      KAHE HOT ADHEER(PALTU VANI) Quick View
    • KAHE HOT ADHEER(PALTU VANI)

    • 500.00
    • ओशो द्वारा पलटू-वाणी पर दिए गए उन्नीस प्रवचनों का यह संकलन एक अप्रतिम कृति है। संत पलटू के भक्तिसिक्त वचनों पर ओशो की अमृत देशना के साथ ही साथ इस संकलन में एक अविस्मरणीय घटना की चित्र-कथा भी उपलब्ध है। ओशो के संबुद्ध पिताश्री स्वामी देवतीर्थ भारती (दद्दाजी) के महापरिनिर्वाण की दुर्लभ चित्र-कथा आर्ट पेपर पर 32 रंगीन पृष्ठों में…
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  • Man Hi Pooja Man Hi Dhoop Quick View
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      Man Hi Pooja Man Hi Dhoop Quick View
    • Man Hi Pooja Man Hi Dhoop

    • 570.00
    • एक दुर्घटना हुई है। और वह दुर्घटना है: मनुष्य की चेतना बहिर्मुखी हो गई है। सदियों से धीरे-धीरे यह हुआ, शनैः-शनैः, क्रमशः-क्रमशः। मनुष्य की आंखें बस बाहर थिर हो गई हैं, भीतर मुड़ना भूल गई हैं। तो कभी अगर धन से ऊब भी जाता है--और ऊबेगा ही कभी; कभी पद से भी आदमी ऊब जाता है--ऊबना ही पड़ेगा, सब थोथा…
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  • Man Hi Pooja Man Hi DhoopMan Hi Pooja Man Hi Dhoop Quick View
  • Man Madhukar Khelat Vasant Quick View
  • Maro He Jogi Maro Vol I (मरौ हे जोगी मरौ भाग एक)Maro He Jogi Maro Vol I (मरौ हे जोगी मरौ भाग एक) Quick View
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      Maro He Jogi Maro Vol I (मरौ हे जोगी मरौ भाग एक)Maro He Jogi Maro Vol I (मरौ हे जोगी मरौ भाग एक) Quick View
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    • Maro He Jogi Maro Vol I (मरौ हे जोगी मरौ भाग एक)

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    • मरौ वे जोगी मरौ, मरौ मरन है मीठा। तिस मरणी मरौ, जिस मरणी गोरष मरि दीठा।। गोरख कहते हैं: मैंने मर कर उसे देखा, तुम भी मर जाओ, तुम भी मिट जाओ। सीख लो मरने की यह कला। मिटोगे तो उसे पा सकोगे। जो मिटता है, वही पाता है। इससे कम में जिसने सौदा करना चाहा, वह सिर्फ अपने को…
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