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- Hindi Books, sant vani
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₹1,150.00 ₹920.00
- 1.Guru Partap Sadh Ki Sangati (Sant Bhikha Vani ) 2.Nam Sumir Man Bavre (Sant Jagjiwan Vani ) 3.Birhani Mandir Diana War ( Sant Yari Vani ) 4.Man Madhukar Khelat Vasant (Sant Gulal Vani )
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- Hindi Books, sant vani
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₹1,495.00 ₹1,200.00
- 1.Piv Piv Lagi Pyas (Sant Dadu Vani ) 2. Sabe Sayane Ek Mat (Sant Dadu Vani ) 3.Ka Sove Din Rain ( Sant Dharam Das vani ) 4. Ajhu Chet Ganwar (Sant Paltu Vani ) 5.Ami Jharat Bigsat Kanwal (Sant Dariya vani)
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- sant vani
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₹1,200.00 ₹900.00
- Set of 5 Books on Sant Vani By Osho,# Sabe Sayane Ek mat on Dadu Vani /Birhani Mandir DIyna Var On Sant Yari/Ami Jharat Bigsat Kanwal On Dariya Vani/ Ari Me To Naam Ke Rang Chaki Sant Jagjiwan Vani/ Guru Partap Sadh KI Sangti Sant Bhikha Vani
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- sant vani
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₹500.00 ₹400.00
- शांडिल्य ने बड़ा स्वाभाविक सहज-योग प्रस्तावित किया हैं। ओशो कहते हैं जो सहज है, वही सत्य है जो असहज हो, उससे सावधान रहना। असहज में उलझे, तो जटिलताएं पैदा कर लोगे। सहज से चले तो बिना अड़चन के पहुंच जाओगे---- इन अपूर्व सूत्रो पर खूब ध्यान करना। इनके रस में डूबना। एक-एक सूत्र ऐसा बहुमूल्य है कि तुम पूरे जीवन…
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- sant vani
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₹750.00 ₹600.00
- सुप्रसिद्ध संत शेख फरीद के कुछ अनूठे पदों के माध्यम से ओशो के दस अमृत प्रवचनों का संकलन। इस वार्तालाप में प्रति दूसरे दिन ओशो ने जिज्ञासुओं की विभिन्न जिज्ञासाओं और प्रश्नों के उत्तर दिए हैं। ‘शेख फरीद प्रेम के पथिक हैं और जैसा प्रेम का गीत फरीद ने गाया है; वैसा किसी ने नहीं गाया। कबीर भी प्रेम की…
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- sant vani
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₹900.00 ₹750.00
- दरिया के शब्द सुनो, जिंदगी की थोड़ी तलाश करो--‘दरिया कहै सब्द निरबाना।’ ये प्यारे सूत्र हैं, इनमें बड़ा माधुर्य है, बड़ी मदिरा है। मगर पीओगे तो ही मस्ती छाएगी। इन्हें ऐसे ही मत सुन लेना जैसे और सब बातें सुन लेते हो; इन्हें बहुत भाव-विभोर होकर सुनना। आंखें गीली हों तुम्हारी--और आंखें ही नहीं, हृदय भी गीला हो। उसी गीलेपन…
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- Hindi Books, sant vani
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₹1,000.00 ₹699.00
- पुस्तक के बारे मेंEk Omkar Satnam - एक ओंकार सतनाम नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही…
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- sant vani
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₹750.00 ₹500.00
- ओशो द्वारा पलटू-वाणी पर दिए गए उन्नीस प्रवचनों का यह संकलन एक अप्रतिम कृति है। संत पलटू के भक्तिसिक्त वचनों पर ओशो की अमृत देशना के साथ ही साथ इस संकलन में एक अविस्मरणीय घटना की चित्र-कथा भी उपलब्ध है। ओशो के संबुद्ध पिताश्री स्वामी देवतीर्थ भारती (दद्दाजी) के महापरिनिर्वाण की दुर्लभ चित्र-कथा आर्ट पेपर पर 32 रंगीन पृष्ठों में…
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- sant vani
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₹750.00 ₹570.00
- एक दुर्घटना हुई है। और वह दुर्घटना है: मनुष्य की चेतना बहिर्मुखी हो गई है। सदियों से धीरे-धीरे यह हुआ, शनैः-शनैः, क्रमशः-क्रमशः। मनुष्य की आंखें बस बाहर थिर हो गई हैं, भीतर मुड़ना भूल गई हैं। तो कभी अगर धन से ऊब भी जाता है--और ऊबेगा ही कभी; कभी पद से भी आदमी ऊब जाता है--ऊबना ही पड़ेगा, सब थोथा…
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- Hindi Books, sant vani
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₹300.00 ₹250.00
- मरौ वे जोगी मरौ, मरौ मरन है मीठा। तिस मरणी मरौ, जिस मरणी गोरष मरि दीठा।। गोरख कहते हैं: मैंने मर कर उसे देखा, तुम भी मर जाओ, तुम भी मिट जाओ। सीख लो मरने की यह कला। मिटोगे तो उसे पा सकोगे। जो मिटता है, वही पाता है। इससे कम में जिसने सौदा करना चाहा, वह सिर्फ अपने को…
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- sant vani
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₹600.00 ₹500.00
- चरणदास वाणी पर प्रवचन अब तक दुनिया में दो ही तरह के धर्म रहे हैं--ध्यान के और प्रेम के। और वे दोनों अलग-अलग रहे हैं। इसलिए उनमें बड़ा विवाद रहा। क्योंकि वे बड़े विपरीत हैं। उनकी भाषा ही उलटी है। ध्यान का मार्ग विजय का, संघर्ष का, संकल्प का। प्रेम का मार्ग हार का, पराजय का, समर्पण का। उनमें मेल…
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- sant vani
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₹275.00 ₹200.00
- मन चित चातक ज्यूं रटै, पिव पिव लागी प्यास। नदी बह रही है, तुम प्यासे खड़े हो; झुको, अंजुली बनाओ हाथ की, तो तुम्हारी प्यास बुझ सकती है। लेकिन तुम अकड़े ही खड़े रहो, जैसे तुम्हारी रीढ़ को लकवा मार गया हो, तो नदी बहती रहेगी तुम्हारे पास और तुम प्यासे खड़े रहोगे। हाथ भर की ही दूरी थी, जरा…
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- Hindi Books, sant vani
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₹840.00 ₹625.00
- थोड़े से साहस की जरूरत है और आनंद के खजाने बहुत दूर नहीं हैं। थोड़े से साहस की जरूरत है और नर्क को आप ऐसे ही उतार कर रख सकते हैं, जैसे कि कोई आदमी धूल-धवांस से भर गया हो रास्ते की, राह की, और आ कर स्नान कर ले और धूल बह जाए। बस ऐसे ही ध्यान स्नान है।…
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- Hindi Books, sant vani
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₹1,650.00 ₹1,250.00
- सिद्धों का एक महान संदेश, ‘जागो’, ओशो की वाणी द्वारा इन प्रवचनों में और भी अधिक मुखरित हुआ है। ओशो कहते हैं : ‘‘जागो, मन जागरण की बेला! और जागरण की बेला हमेशा है। ऐसा कोई क्षण नहीं जब तुम जाग न सको। ऐसा कोई पल नहीं जब तुम पलक न खोल सको। आंख बंद किए हो यह तुम्हारा निर्णय…
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- sant vani
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₹1,500.00 ₹1,250.00
- ‘यह पुस्तक आंख वाले व्यक्ति की बात है। किसी सोच-विचार से, किसी कल्पना से, मन के किसी खेल से इसका जन्म नहीं हुआ; बल्कि जन्म ही इस तरह की वाणी का तब होता है, जब मन पूरी तरह शांत हो गया हो। और मन के शांत होने का एक ही अर्थ होता है कि मन जब होता ही नहीं। क्योंकि…
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- sant vani
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₹800.00 ₹525.00
- इस पुस्तक से: अपनी तरफ देखो—न तो पीछे, न आगे। कोई तुम्हारा नहीं है। कोई बेटा तुम्हें नहीं भर सकेगा। कोई संबंध तुम्हारी आत्मा नहीं बन सकता। तुम्हारे अतिरिक्त तुम्हारा कोई मित्र नहीं है। जैसे कि आग को तुम उकसाते हो—राख जम जाती है, तुम उकसा देते हो; राख झड़ जाती है, अंगारे झलकने लगते हैं। ऐसी तुम्हें कोई प्रक्रिया…
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