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    • KARUNA AUR KRANTI

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    • जीवन-रूपांतरण के सात सूत्र "करुणा और क्रांति’--ऐसा शब्दों का समूह मुझे अच्छा नहीं मालूम पड़ता है। मुझे तो लगता है--करुणा यानी क्रांति। करुणा अर्थात क्रांति। कम्पैशन एंड रेवोल्यूशन ऐसा नहीं, कम्पैशन मीन्स रेवोल्यूशन। ऐसा नहीं कि करुणा होगी--और क्रांति होगी। अगर करुणा आ जाए, तो क्रांति अनिवार्य है। क्रांति सिर्फ करुणा की पड़ी हुई छाया से ज्यादा नहीं है। और…
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  • KYA ISHWAR MAR GAYA HAI? Quick View
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      KYA ISHWAR MAR GAYA HAI? Quick View
    • KYA ISHWAR MAR GAYA HAI?

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    • कौन सा ईश्र्वर झूठा ईश्वर है? मंदिरों में जो पूजा जाता है, वह ईश्र्वर झूठा है, वह इसलिए झूठा है कि उसका निर्माण मनुष्य ने किया है। मनुष्य ईश्र्वर को बनाए, इससे ज्यादा झूठी और कोई बात नहीं हो सकती है।
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  • KYA MANUSYA EK YANTRA HAI Quick View
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      KYA MANUSYA EK YANTRA HAI Quick View
    • KYA MANUSYA EK YANTRA HAI

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    • पुस्तक के बारे में क्या मनुष्य एक यंत्र है ? जीवन के विभिन्न पहलुओं पर क्रास मैदान, मुंबई में ओशो द्वारा दिए गए चार अमृत प्रवचनों का अपूर्व संकलन। मनुष्य एक यंत्र है, क्योंकि सोया हुआ है। और जो सोया हुआ है और यंत्र है, वह मृत है। उसे जीवन का केवल आभास है, कोई अनुभव नहीं है। और इस…
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  • OSHO – Jeevan Darshan Quick View
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    • जीवन में प्रेम का साक्षात्कार महत्वाकांक्षा जीवन को ज्वरग्रस्त करने का मार्ग है। फिर क्या और कोई रास्ता नहीं हो सकता? रास्ता है। वह रास्ता है प्रेम का, महत्वाकांक्षा का नहीं। संगीत से प्रेम सिखाएं, दूसरे संगीत सीखने वाले से प्रतिस्पर्धा नहीं। गणित से प्रेम सिखाएं, दूसरे गणित के विद्यार्थी से प्रतियोगिता नहीं। मैं संगीत ऐसे भी तो सीख सकता…
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    • सत्य का हमारे दृष्टि में मूल्य नहीं है इसलिए हम विश्वासी बने हुए हैं। सत्य का हमारी दृष्टि में मूल्य होगा, तो हम विश्वासी नहीं हो सकते, हम खोजी बनेंगे। हमारी प्यास होगी, हम जानना चाहेंगे। मैं आपसे निवेदन करूं, इस भांति की जो आस्तिकता है सीखी हुई, भगवान तक पहुंचने में इससे बड़ी और कोई बाधा नहीं है, और…
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    • OSHO – Vigyan, Dharm aur Kala

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    • विज्ञान, धर्म और कला के अंतर-संबंध को समझाते हुए ओशो कहते है—"ये तीन बातें मैंने कही। विज्ञान प्रथम चरण है। वह तर्क का पहला कदम है। तर्क जब हार जाता है तो धर्म दूसरा चरण है, वह अनुभूति है। और जब अनुभूति सघन हो जाती है तो वर्षा शुरू हो जाती है, वह कला है। और इस कला की उपलब्धि…
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