• JIWAN SANGEET Quick View
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      JIWAN SANGEET Quick View
    • JIWAN SANGEET

    • 600.00
    • "जो वीणा से संगीत के पैदा होने का नियम है, वही जीवन-वीणा से संगीत पैदा होने का नियम भी है। जीवन-वीणा की भी एक ऐसी अवस्था है, जब न तो उत्तेजना इस तरफ होती है, न उस तरफ। न खिंचाव इस तरफ होता है, न उस तरफ। और तार मध्य में होते हैं। तब न दुख होता है, न सुख…
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  • Main Mirtyu Sikhata Hoon Quick View
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      Main Mirtyu Sikhata Hoon Quick View
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    • Main Mirtyu Sikhata Hoon

    • 275.00
    • "समाधि में साधक मरता है स्वयं, और चूंकि वह स्वयं मृत्यु में प्रवेश करता है, वह जान लेता है इस सत्य को कि मैं हूं अलग, शरीर है अलग। और एक बार यह पता चल जाए कि मैं हूं अलग, मृत्यु समाप्त हो गई। और एक बार यह पता चल जाए कि मैं हूं अलग, और जीवन का अनुभव शुरू…
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  • OSHO – Dhyan Ke Kamal (Hindi) – 10 Talks on Meditation Techniques with Q & A Quick View
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      OSHO – Dhyan Ke Kamal (Hindi) – 10 Talks on Meditation Techniques with Q & A Quick View
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    • OSHO – Dhyan Ke Kamal (Hindi) – 10 Talks on Meditation Techniques with Q & A

    • 600.00
    • ध्यान के लिए पहली बात तो है साहस। दूसरी बात, अपने से सावधान रहना। क्योंकि आप ही अपने को धोखा दे सकते हैं, कोई और नहीं। सच तो यह है कि इस जगत में दूसरे को धोखा देना संभव ही नहीं है। सिर्फ अपने को ही धोखा दिया जा सकता है। वी कैन डिसीव ओनली अवरसेल्व्स। कोई किसी दूसरे को…
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  • OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan Quick View
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      OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan Quick View
    • OSHO – Jin Khoja Tin Payiyan

    • 750.00
    • कुंडलिनी-यात्रा पर ले चलने वाली इस अभूतपूर्व पुस्तक के कुछ विषय बिंदु: *शरीर में छिपी अनंत ऊर्जाओं को जगाने का एक आह्वान *सात चक्रों व सात शरीरों के रहस्यों पर चर्चा *आधुनिक मनुष्य के लिए ध्यान की सक्रिय विधियों का जन्म *तंत्र के गुह्य आयामों से परिचय
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  • Osho Dhyan Yog (ओशो ध्यान योग)Osho Dhyan Yog (ओशो ध्यान योग) Quick View
  • PATH KI KHOJ Quick View
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      PATH KI KHOJ Quick View
    • PATH KI KHOJ

    • 400.00
    • "जो होशपूर्वक अपनी सारी क्रियाएं करेगा, इंद्रियों के सारे संबंधों में होश को जाग्रत रखेगा, निरंतर उसका स्मरण रखेगा जो भीतर बैठा है, उसका नहीं जो बाहर दिखाई पड़ रहा है, क्रमशः उसकी दृष्टि में परिवर्तन उत्पन्न होगा। रूप की जगह वह दिखाई पड़ेगा जो रूप को देखने वाला है। सारी क्रियाओं के बीच उसका अनुभव होगा जो कर्ता है।…
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    • Prabhu Ki Pagdandiyan (प्रभु की पगडंडियां)

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    • करुणा यानी एक जीवंत प्रेम का प्रवाह। करुणा का अर्थ है: बहता हुआ प्रेम। जिसे हम प्रेम कहते हैं वह प्रेम बंधा हुआ प्रेम है, वह किसी एक पर बंध कर बैठ जाता है। और प्रेम जब बंध जाता है तब वह भी करुणापूर्ण नहीं रह जाता है, वह भी हिंसापूर्ण हो जाता है। जब मैं किसी एक को प्रेम…
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